भोपाल। सिंगरौली, सागर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में दुर्लभ पृथ्वी तत्वों रेयर अर्थ एलिमेंट का विशाल भंडार मिलने के बाद अब भोपाल राजधानी क्षेत्र को इन खनिजों की रिसर्च, प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन का मुख्यालय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल शुरू हो चुकी है।
क्रेडाई (CREDAI- Confederation of Real Estate Developers' Associations of India), भोपाल के मुताबिक, खनिज संसाधन विभाग की हाल की उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि आईआईटी धनबाद, भोपाल का आईआईएसईआर और इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड मिलकर ‘क्रिटिकल एवं स्ट्रैटेजिक मिनरल्स’ की खोज और उन्नत प्रयोगशालाओं पर काम करेंगे। साथ ही, सरकार भोपाल में “रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित करने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।
यह पहल भोपाल को राष्ट्रीय स्तर पर खनिज विज्ञान, हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा तकनीक के वैल्यू-एडेड हब के रूप में स्थापित कर सकती है। राजधानी क्षेत्र में उच्च-स्तरीय संस्थान, मानव संसाधन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले से मौजूद हैं, जिससे इसे एक वैश्विक ‘रेयर मिनरल्स प्रोसेसिंग कैपिटल’ बनाया जा सकता है।
क्रेडाई, भोपाल के अध्यक्ष और ‘कमाल का भोपाल’ अभियान के फाउंडर मनोज मीक का कहना है कि “रेयर अर्थ एलिमेंट्स की नई खोज मध्यप्रदेश को एक वैश्विक खनिज शक्ति बनाने की दिशा में ऐतिहासिक अवसर है। राजधानी भोपाल को इन खनिजों की रिसर्च, प्रोसेसिंग और हाई-वैल्यू उपयोग का केंद्र बनाया जा सकता है, ताकि राज्य की खनिज संपदा का वास्तविक लाभ देश और प्रदेश को मिल सके।
मीक ने कहा कि आईआईटी, आईआईएसईआर और इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड जैसे संस्थानों का सहयोग इस दिशा में क्रांतिकारी साबित होगा। हम ‘कमाल का भोपाल’ अभियान की ओर से आग्रह करते हैं कि भोपाल को ‘रेयर मिनरल्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में स्थापित किया जाए। यह कदम भोपाल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन एनर्जी और डिफेंस इंडस्ट्री का स्वाभाविक केंद्र बनाएगा और राजधानी की वैश्विक पहचान को और सशक्त करेगा।”
